घरलेू नुस्खे आमतौर पर लोग कम उपयोग में लेते है और सीधा डाॅक्टर के पास जाते है और जाते ही डाॅक्टर उन्हें बहुत सारी दवाईयाँ लिखकर दे देते है। पर आपने कभी सोचा है कि ये दवाईयाँ आपके लिए नुकसान दायक भी हो सकती है। एक बीमारी को ठीक करने के चक्कर में दूसरी बीमारी को आमन्त्रित करना सही नहीं है। इसलिए आज की इस पोस्ट में हम आपके साथ अरंडी के तेल (Castor Oil in Hindi) की जानकारी शेयर कर रहें है जो आपके लिए बहुत ही उपयोगी और बेहतर सिद्ध होगी।
ऐसे में अगर घरेलू नुस्खों का उपयोग कर लिया जाए तो जल्दी आराम भी मिल जाता है और स्वास्थय और पैसा दोनों सुरक्षित रहते है। हमारे देश में ऐसी बहुत सी औषधियाँ है जो बड़ी से बड़ी बीमारी को जड़ से खत्म कर सकती है। उनमें से एक अरंडी भी है जिसका उपयोग करने से अनेकों बीमारियों का नाश होता है। अगर आपको भी जानने है अरंडी के राज तो बने रहिए हमारे साथ।
अरंडी का तेल क्या है – What is Castor Oil in Hindi
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इस तेल का इस्तेमाल हम सदियों से करते आ रहें है क्योंकि यह तेल आयुर्वेदिक गुणों से भरपूर है। इसे एरंड और कैस्टर ऑयल (Castor Oil) के नाम से भी जाना जाता है। यह एक वानस्पतिक तेल है। इसके बीजों से तेल निकाल कर इसका उपयोग किया जाता है। अरंडी के पौधे का हर भाग गुणों से भरपूर होता है जिसकी वजह से कई बीमारियों का इलाज किया जाता है। इसके पत्ते, जड़, फूल, बीज और खासकर तेल घरेलू नुस्खों के तौर पर उपचार के लिए किया जाता है। यह आमतौर पर दवाइयों, खाद्य पदार्थों, त्वचा संबंधी सामग्री और ईधन के रूप में किया जाता है। जो चलिए आज अरंडी के बारे में विस्तार से जानते है-
अरंडी के अन्य नाम
देश का नाम | अरंडी का अन्य नाम |
उर्दू | एरण्ड |
गुजराती | एरंडो |
नेपाली | अँडेर |
हिन्दी | एरण्ड |
असम | इरी |
कनाडा | हरलु |
बंगाली | भेरेंडा |
तमिल | आमणककम् |
तेलगु | आमुडामु |
पंजाबी | अरण्ड |
अरबी | खिरवा |
अंग्रेजी | कैस्टर बीन |
मराठी | एरंडी |
अरंडी के औषधीय गुण –
बहुत से रोगों के लिए अरंडी का तेल रामबाण माना जाता है। इसका वानस्पतिक नाम रिसिनस कम्युनिस है। इसका उपयोग साबुन में भी किया जाता है जिसकी वजह से शरीर को चिकना कर सके। पेट से संबंधी हर समस्या का इलाज इससे किया जा सकता है।
अरंडी के तेल के प्रकार- Types of Castor Oil in Hindi
यह तेल तीन प्रकार का होता है
जमैकन ब्लैक कैस्टर ऑयल – यह तेल बीजों से प्राप्त किया जाता है परन्तु इसमें पहले बीजों को भूना जाता है और फिर इसका तेल निकाला जाता है। यह तेल काले रंग का होता है क्योंकि जब बीजों को भूना जाता है तब इसके बीजों से राख निकलती है और उस राख को इस तेल में मिक्स कर दिया जाता है। इस तेल में कड़वापन ज्यादा होता है।
हाइड्रोजनेटेड कैस्टर ऑयल – यह तेल सुगन्ध रहित होता है और पानी में आसानी से नहीं घुल पाता है। इसलिए इस तेल से मोमबत्ती, वैक्स, ग्रीस आदि बनाए जाते है। इसे कैस्टर वैक्स के नाम से जाना जाता है। इसमें निकल की कुछ मात्रा मिलाई जाती है।
ऑर्गेनिक कोल्ड-प्रेस्ड कैस्टर ऑयल – इस तेल को बनाने के लिए बीजों को बिना भूने इसका सीधा तेल निकाल लिया जाता है। किसी भी तरह की मिलावट न होने के कारण यह तेल पीले रंग का होता है। भूनने से बीजों के न्यूट्रिशन खत्म हो जाते है परन्तु इस तेल में ऐसा नहीं होता है और लाभ भी अधिक मिलता है।
इन तीनों प्रकारों के अलावा इसका एक प्रकार और भी जिसका नाम केमिकल एक्सट्रेक्ट कैस्टर ऑयल है। यह तेल केमिकल से एक्सट्रेक्ट करके निकाला जाता है। यह अन्य अरंडी के तेलों से सस्ता होता है।
अरंडी के तेल के फायदे – Benefits of Castor Oil in Hindi
अरंडी के तेल (Castor Oil in Hindi) के बहुत से फायदे है जोे कुछ लोग नहीं जानते है इसलिए वह इसके गुणों से वंचित रह जाते है और उन्हें बीमारियों से छुटकारा नहीं मिल पाता है। तो चलिए जानते है कि अरंडी का तेल कहाँ-कहाँ उपयोग में लाया जा सकता है-
कब्ज से छुटकारा
आजकल तनाव भरे जीवन में खानपान पर ज्यादा ध्यान न दिए जाने पर कब्ज की समस्या हो जाती है और काफी परेशान करती है। इसके लिए अरंडी का तेल बहुत फायदेमंद रहता है। जिन लोगों को पेट संबंधी और भी समस्याएँ है तो वो अरंडी के तेल का इस्तेमाल डाॅक्टर की सलाह पर ही करें।
बालों के लिए फायदेमंद
हर कोई अपने बालों की सुंदरता बरकार रखना चाहता है परन्तु प्रदूषण, धूल, मिट्टी के कारण बाल झड़ने लगते है या फिर समय से पहले ही सफेद हो जाते है इससे बचने के लिए अरंडी का तेल बालों में लगाने से बाल घने और चमकदार बनते है। इस तेल के अंदर रिसिनोलेइक एसिड होता है जो बालों की देखभाल करता है।
गठिया से बचाव
ऐसी बीमारी में अरंडी का तेल लाभकारी होता है और डाॅक्टर मरीजों को अरंडी के तेल युक्त दवा का सेवन करने की सलाह देते है। परन्तु अरंडी का तेल सभी प्रकार के गठिया का इलाज नहीं करता है। एक सामान्य प्रकार का गठिया जिसे ऑस्टियोआर्थराइटिस कहते है उसमें में ये कारगर है।
एलर्जी में कारगर
कई बार त्वचा पर खुलजी होने लगती है और उस जगह पर दाने निकल जाते है। यह समस्या स्कीन एलर्जी के कारण होती है इससे बचने के लिए आप खुजली वाली जगह पर अरंडी का तेल (Castor Oil in Hindi) लगा ले। इससे खुजली में आराम मिलेगा और खाने भी खत्म हो जाएंगे।
सूजन को कम करे
ज्यादा चलने फिरने से या लगातार काम करने से कभी-कभी हाथों और पैरों में सूजन आने लगती है। ऐसे में आप सूजन वाली जगह पर अरंडी के तेल की मालिश कर आराम प्राप्त कर सकते है। इसके अंदर पाया जाने वाला रिकिनोलिक एसिड पाया जाता है जो सूजन को कम करता है।
बवासीर में कारगर
ऐसी समस्या से राहत पाने के लिए लोग बहुत तरह के उपचार करते है, दवाईयाँ लेते है परन्तु फायदा नहीं मिलता है ऐसे में अरंडी का तेल आपके लिए फायदेमंद सिद्ध हो सकता है। बवासीर का एक कारण कब्ज भी है। अरंडी का तले कब्ज में भी कारगर है इसलिए आपको बवासीर से निजात मिल सकती है।
दर्द से छुटकारा
दिनभर की भागदौड़ के बादा मांसपेशियाँ और जोड़ दर्द होने लगते है और खासकर सर्दियों में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसी समस्या होने पर अरंडी के तेल का उपयोग करने से दर्द में आराम मिलता है। सर्दियों में अरंडी के तेल को थोड़ा गर्म कर लें और फिर इसकी मालिश करें, जल्दी आराम मिलेगा।
दाग धब्बों को करे दूर
कुछ भी तला या नमकीन खाने से चेहरे पर कील-मुहांसे निकल जाते है और ठीक होने पर उस जगह पर दाग रह जाते है। इन दाग से बचने के लिए आप चुटकीभर बेकिंग सोडा के अंदर अरंडी का तेल डालकर दाग पर लगा लें। इससे दाग साफ हो जाएंगे।
झुर्रियाँ रखें दूर
बढ़ते तनाव के कारण कारण त्वचा पर वक्त से पहले झुर्रियाँ पड़ने लगती है और चेहरा बूढ़ा लगने लगता है। ऐसी समस्या होने पर अरंडी का तेल (Castor Oil in Hindi) इस्तेमाल करें। इससे आपकी त्वचा में निखार आएगा और झुर्रियों में भी फायदा मिलेगा।
त्वचा करे माॅइश्चराइज
कभी-कभी त्वचा सूखी लगने लगती है और रंग बेजान लगने लगता है। ऐसा आमतौर पर सर्दियों में होता है। इसका कारण है त्वचा को माॅइश्चर नहीं मिलना। इससे बचने के लिए आप चेहरे पर अरंडी का तेल लगाएं। इससे त्वचा में नमी रहेगी और चेहरा ड्राई नहीं होगा।
बालों को करे लंबा
अरंडी का तेल (Castor Oil in Hindi) बालों को उचित पोषण देता है। कई लोग है जिन्हें लगता है कि अब हमारा बाल कभी नहीं बढ़ेंगे क्योंकि बाल खराब हो गए है। ऐसे में अरंडी का तेल बालों को लंबा करने में मदद करता है। बालों में इसका इस्तेमाल करने के लिए आप नारियल तेल और अरंडी का तेल दोनों को मिक्स करके बालों में इसकी मालिश करें और आधे घंटे के बाद शैम्पू या फिर साबुन से बालों को धो लें। ऐसा हफ्ते में दो-तीन बार करें। लगभग 3 हफ्तों में आपकों इसका रिजल्ट मिलने लगेगा।
बालों को रखें चमकदार
कई बार बाल रूखे-सूखे से लगने लगते है जिसकी वजह से बाल ज्यादा टूटते है। इससे बचने के लिए आप अरंडी के तेल की मालिश करें। इससे बालों को रूखापन खत्म हो जाएगा और बाल चमकदार बन जाएंगे।
दोमुँहे बालों के लिए कारगर
प्रदूषण से बाल नीचे से दोमुँहे हो जाते है जिसकी वजह से बाल लंबे नहीं होते है। इससे बचने के लिए भी आप अरंडी के तेल का ही इस्तेमाल करें। इससे दोमुँहे बालों को पोषण मिलेगा और वो फिर से सुंदर और घने हो जाएंगे। अगर आपको डैंड्रफ या फिर सफेद बालों की परेशानी है तो भी आप अरंडी के तेल का इस्तेमाल करें। इससे बालों की रूसी समाप्त हो जाएगी और आपके बाल सुंदर और घने देखने लगेंगे।
अरंडी के तेल के नुकसान – Side Effects of Castor Oil in Hindi
- गर्भावस्था के दौरान इसका उपयोग बिल्कलु न करें क्योंकि ये गर्भपात का कारण भी बन सकता है और इससे पेट खराब होने की आशंका भी उत्पन्न हो सकती है।
- इस तेल का ज्यादा इस्तेमाल करने से उल्टी आने लगती है और हृदय संबंधी समस्या हो सकती है।
- अगर आपक छोटे बच्चे की मालिश अरंडी के तेल से कर रहें है तो ध्यान रखें कि तेल उसके मुँह में न जाए और बच्चे के हाथों पर भी तेल न लगाएं, क्योंकि बच्चा हाथ मुँह में ले जाता है।
- इस तेल की तासीर गर्म होती है इसलिए इससे दस्त की समस्या भी हो सकती है।
- जिन लोगों को एलर्जी की समस्या है वो इस तेल का इस्तेमाल करने से बचें। अगर करना चाहते है तो अपने डाॅक्टर से इसकी सलाह जरूर लें।